Advantages and disadvantages of eating sugar candy daily
Advantages and disadvantages of eating sugar candy daily
मिश्री, जिसे अंग्रेजी में रॉक शुगर या कैंडी शुगर कहा जाता है, एक प्रकार की कैंडिड चीनी होती है। इसे भारतीय परंपरा और आयुर्वेद में विशेष स्थान प्राप्त है। मिश्री का उपयोग भोजन और पेय पदार्थों में मिठास बढ़ाने के साथ-साथ कई औषधीय गुणों के कारण भी किया जाता है। इसके फायदे और नुकसान निम्नलिखित हैं:
मिश्री के फायदे:
1. ऊर्जा का स्रोत:
मिश्री ग्लूकोज का एक अच्छा स्रोत है जो शरीर को त्वरित ऊर्जा प्रदान करता है। यह विशेष रूप से बच्चों और एथलीट्स के लिए लाभदायक है, जिन्हें तत्काल ऊर्जा की आवश्यकता होती है।
2. पाचन में सुधार:
मिश्री का सेवन भोजन के बाद करने से पाचन में मदद मिलती है। यह पेट में गैस और एसिडिटी को कम करने में भी सहायक होता है।
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3. गले की समस्याओं में राहत:
गले की खराश और कफ के लिए मिश्री का उपयोग किया जाता है। गर्म पानी या दूध के साथ मिश्री का सेवन करने से गले की जलन और सूजन कम होती है।
4. स्मरण शक्ति में सुधार:
आयुर्वेद के अनुसार, मिश्री का नियमित सेवन करने से यह स्ट्रेस को कम करने में मददगार सिद्ध होता है जिस कारण से इसके प्रयोग से हमारी स्मरण शक्ति काफी सुधार हो सकता है । यह दिमाग की कार्यक्षमता को सुधारता है और मानसिक तनाव को कम करता है।
5. त्वचा की चमक:
मिश्री का उपयोग त्वचा की देखभाल में भी किया जाता है। यह त्वचा को नमी और पोषण प्रदान करता है, जिससे त्वचा की चमक बढ़ती है।
6. अच्छी नींद:
मिश्री का सेवन दूध के साथ करने से नींद की गुणवत्ता में सुधार होता है। यह तनाव और चिंता को कम करने में मदद करता है, जिससे अच्छी नींद आती है।
7. मुंह की ताजगी:
मिश्री का उपयोग माउथ फ्रेशनर के रूप में भी किया जाता है। यह मुंह की दुर्गंध को दूर करता है और मुँह को ताजगी प्रदान करता है।
8. मुंह का कड़वापन दूर करे
कई लोगों के यह समस्या होती है कि खानाखाने के बाद मुंह का स्वाद कड़वाहो जाता है इसलिए जिन लोगों को यह समस्या है वह खाना खाने के बाद मिश्री का प्रयोग करने से उनके मुंह का कड़वापन खत्म हो जाता है
9.हीमोग्लोबिन बढ़ाता है
क्या आप जानते हैं अगर आप रोजाना मिश्री का प्रयोग करते हैं तो यह आपके हीमोग्लोबिन स्तर को भी बढ़ाने में मददगार सिद्ध होती है। जिन लोगों को हीमोग्लोबिन की कमी की समस्या हो वह रोजाना अगर मिश्री का प्रयोग करें तो उनकी यह समस्या काफी हद तक कम हो सकती है
10.नाक से खून बहना बंद करें
नाक से खून बहाना कोई आम समस्या नहीं है यह आगे जाकर एक भयंकर समस्या का रूप ले सकता है जो कई बार जानलेवा भी सिद्ध हो सकता है इस समस्या से आप एक छोटे से नुस्खे से निजात पा सकते हैं ।आधा गिलास पानी में एक बड़ा सा टुकड़ा मिश्री का डाल दे और उसे अपने आप घुलने तक ऐसे ही रहने दे फिर उस पानी को धीरे-धीरे यह नाक से खून आने की समस्या में काफी हद तक फायदा देता है।
मिश्री के नुकसान:
1. मधुमेह का जोखिम:
मिश्री का अधिक सेवन मधुमेह रोगियों के लिए हानिकारक हो सकता है। इसमें अधिक मात्रा में शुगर होने के कारण ब्लड शुगर लेवल बढ़ सकता है।
2. वजन बढ़ाना:
मिश्री का अत्यधिक सेवन वजन बढ़ाने का कारण बन सकता है। इसमें उच्च कैलोरी कंटेंट होता है, जो मोटापा बढ़ा सकता है।
3. दांतों की समस्याएँ:
मिश्री के अत्यधिक सेवन से दांतों में कैविटी और सड़न हो सकती है। इसमें शुगर होने के कारण बैक्टीरिया का उत्पादन बढ़ जाता है, जिससे दांतों में समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं। ज्यादा मीठे के प्रयोग से दांतों की सेंसिविटी खत्म होने लगती है जिससे दांतों में अत्यधिक झनझनाहट होने का खतरा बढ़ जाता है
4. पाचन तंत्र पर प्रभाव:
अत्यधिक मिश्री का सेवन पाचन तंत्र को नुकसान पहुंचा सकता है। इससे गैस, अपच और अन्य पाचन समस्याएँ हो सकती हैं। जिस कारण खाना न पचने जैसी भयंकर प्रॉब्लम का सामना करना पड़ सकता है।
5. हृदय संबंधी समस्याएँ:
मिश्री का अधिक सेवन हृदय संबंधी समस्याओं का कारण बन सकता है। इसमें अधिक मात्रा में कैलोरी और शुगर होने के कारण यह हृदय की सेहत पर बुरा प्रभाव डाल सकता है। जीकारण से हार्ट डिज़ीज़ या हार्ट अटैक आने के चांसेस बढ़ जाते हैं
6. शुगर की लत:
मिश्री का अत्यधिक सेवन करने से बार-बार मीठा खाने कि लत का कारण बन सकता है। यह शरीर में शुगर की आवश्यकता बढ़ा सकता है, जिससे अन्य स्वास्थ्य समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं।
7. सामान्य स्वास्थ्य पर प्रभाव:
मिश्री का अत्यधिक सेवन सामान्य स्वास्थ्य पर भी बुरा प्रभाव डाल सकता है। इसमें मौजूद शुगर और कैलोरी की अधिकता से शरीर की कार्य प्रणाली प्रभावित हो सकती है।
निष्कर्ष:
मिश्री एक पारंपरिक मिठाई है जिसे आयुर्वेद में भी महत्त्वपूर्ण स्थान प्राप्त है। इसके कई फायदे हैं, जैसे ऊर्जा प्रदान करना, पाचन में सुधार, गले की समस्याओं में राहत, स्मरण शक्ति में सुधार, त्वचा की चमक बढ़ाना, अच्छी नींद और मुंह की ताजगी। लेकिन, इसके अत्यधिक सेवन से मधुमेह, वजन बढ़ना, दांतों की समस्याएँ, पाचन तंत्र पर प्रभाव, हृदय संबंधी समस्याएँ, शुगर की लत और सामान्य स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है।
इसलिए, मिश्री का सेवन सीमित मात्रा में और सही तरीके से करना चाहिए ताकि इसके लाभ प्राप्त हो सकें और संभावित नुकसानों से बचा जा सके।
FAQ
1.क्या मैं मिश्री रोज खा सकती हूं?
मिश्री जिसे हमशुगर कैंडीके नाम से भी जानते हैं इसे हम रोजाना खा सकते हैं लेकिनसी इसी रोजानाखाने की इसमेंबहुत से विटामिन और अमीनो एसिड होते हैं जो हमारे स्वास्थ्यके लिए बहुत फायदेमंद होते हैं विटामिन b12 होने की वजह से बार-बार गला सूखने की समस्या में काफी हद तक सुधार हो सकता है।
2.मिश्री कब खाना चाहिए?
वैसे तो हम मिश्री को कभी भी कर सकतेहैं लेकिन अच्छे स्वास्थ्य लाभ के लिए खाना खाने के तुरंत बाद छोटा सा टुकड़ा मिश्री का मुंह में लेकर उसे काफी देर तक चबाने या चूसने से खाना जल्दी डाइजेस्ट हो जाता है, और गला भी नहीं सूखता जिससे हमें खाना खाने के तुरंत बाद पानी पीने की जरूरत नहीं पड़ती जो हमारे स्वास्थ्यके लिए बहुत ही फायदेमंद है।
3.खाली पेट मिश्री खाने से क्या फायदा?
सुबह खाली पेट मिश्री और सौंफ कापानी पीने से पेट की बहुत सारी समस्याओं में फायदा मिलता है साथी हमारा पाचन तंत्र मजबूत बनता है। गर्मी के दिनों में यह गर्मी से बचाने में काफी हद तक मददगार होता है।
4.क्या मिश्री शुगर फ्री होती है?
मिश्री को रॉक शुगर के नाम से जाना जाता है, यह गन्ने के पौधे से प्राप्त एक प्राकृतिक मीठा पदार्थ है। इसमें रसायन नहीं होते और यह चीनी का सबसे शुद्ध रूप है। अगर डायबिटीज से पीड़ित कोई व्यक्ति मिश्री युक्त कोई व्यंजन खाता है, तो उसे ग्लाइसेमिक इंडेक्स पर विचार करना चाहिए
5.कौन सी मिश्री सेहत के लिए अच्छी है?
आयुर्वेद के अनुसार धागे वाली मिश्री के सेवन से शरीर हेल्दी रहता है। यह पोषक तत्वों से भरपूर होती है। इसमें प्रोटीन, फाइबर, कार्बोहाइड्रेट और आयरन पाया जाता हैं। इसके सेवन से पाचन तंत्र मजबत होने के साथ शरीर की कमजोरी भी दूर होती है।