Benefits of eating sugar candy with threads and its effects

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धागे वाली मिश्री, जिसे रॉक शुगर या कैंडी शुगर के नाम से भी जाना जाता है, आयुर्वेदिक चिकित्सा में अपने विभिन्न स्वास्थ्य लाभों के लिए प्रसिद्ध है। यह न केवल एक मीठा स्वाद देने वाला एजेंट है, बल्कि इसमें कई औषधीय गुण भी होते हैं जो संपूर्ण स्वास्थ्य को बढ़ावा देते हैं। नीचे धागे वाली मिश्री के लाभ और उसके गुणों के बारे में विस्तार से बताया गया है।

 

धागे वाली मिश्री के लाभ

1.पाचन सुधार:

धागे वाली मिश्री का सेवन पाचन तंत्र को बेहतर बनाने में मदद करता है। मिश्री को खाने के बाद सेवन करने से पाचन प्रक्रिया में सुधार होता है। यह पेट में गैस्ट्रिक स्राव को उत्तेजित करता है, जिससे पाचन क्रिया में मदद मिलती है।गैस, अपच, और एसिडिटी जैसी समस्याओं में मिश्री राहत प्रदान करती है।

2.ऊर्जा का स्रोत:

धागे वाली मिश्री प्राकृतिक शर्करा का अच्छा स्रोत है, जो शरीर को तत्काल ऊर्जा प्रदान करती है।यह थकान और कमजोरी दूर करने में मददगार होती है।

3.गले के संक्रमण में राहत:

धागे वाली मिश्री का उपयोग गले की खराश और संक्रमण को ठीक करने के लिए किया जाता है।

इसे पुदीने के साथ लेने से गले की सूजन और दर्द में राहत मिलती है।

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4.तनाव और चिंता को कम करना:

मिश्री का सेवन मानसिक तनाव और चिंता को कम करने में मदद करता है।यह मस्तिष्क के कार्य को सुधारता है और मानसिक स्पष्टता को बढ़ाता है।

5.आंखों की रोशनी बढ़ाना:

धागे वाली मिश्री का नियमित सेवन आंखों की रोशनी को बढ़ाने में मदद करता है।यह नेत्र संबंधी समस्याओं को दूर करने में भी सहायक है।

6.प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि:

धागे वाली मिश्री का सेवन प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है, जिससे शरीर बीमारियों से लड़ने में सक्षम होता है।इसमें एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं जो शरीर को मुक्त कणों से बचाते हैं।

7.खांसी और सर्दी में राहत:

धागे वाली मिश्री को अदरक और काली मिर्च के साथ लेने से खांसी और सर्दी में राहत मिलती है।यह बलगम को निकालने में मदद करता है और श्वसन तंत्र को साफ रखता है।

8.खून को करें शुद्धि:

धागे वाली मिश्री खून को शुद्ध करने में मदद करती है। नियमित सेवन से यह शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकालने में मदद करता है।

9.माइग्रेन और सिरदर्द में राहत:

धागे वाली मिश्री का उपयोग माइग्रेन और सिरदर्द के उपचार में भी किया जाता है। इसे पानी के साथ लेने से सिरदर्द में राहत मिलती है।

10.वजन बढ़ाने में सहायक:

जिन लोगों का वजन कम होता है, उनके लिए धागे वाली मिश्री एक स्वस्थ विकल्प हो सकती है। यह वजन बढ़ाने में मदद करती है क्योंकि इसमें कैलोरी की अच्छी मात्रा होती है।

धागे वाली मिश्री के गुण

1.प्राकृतिक शुद्धता:

धागे वाले मिश्री को पारंपरिक तरीकों से तैयार किया जाता है, जिसमें किसी भी रासायनिक पदार्थ का उपयोग नहीं होता। यह प्राकृतिक रूप से शुद्ध और सुरक्षित होती है।

2.मधुर और ठंडक देने वाला प्रभाव:

धागे वाले मिश्री का स्वाद मीठा होता है और यह शरीर में ठंडक का अनुभव कराता है।यह गर्मियों में शरीर को ठंडा रखने में मदद करती है।

2.विटामिन और मिनरल्स का भण्डार:

धागे वाली मिश्री में कैल्शियम, मैग्नीशियम, और फास्फोरस जैसे महत्वपूर्ण खनिज पाए जाते हैं, जो हड्डियों और दांतों की मजबूती के लिए आवश्यक हैं।

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3.अवसादरोधी गुण:

धागे वाले मिश्री में ऐसे गुण होते हैं जो मानसिक तनाव और अवसाद को कम करने में सहायक होते हैं। यह मूड को बेहतर बनाने और मन को शांत रखने में मदद करती है।

4.त्वचा की देखभाल:

धागे वाली मिश्री का उपयोग त्वचा की विभिन्न समस्याओं को दूर करने में भी किया जाता है। यह त्वचा को नमी प्रदान करती है और चमक बढ़ाती है।

5.मौखिक स्वास्थ्य:

धागे वाली मिश्री का उपयोग मुँह के छालों और दांत दर्द में राहत प्रदान करने के लिए भी किया जाता है। यह मुँह की दुर्गंध को दूर करने में भी सहायक है।

निष्कर्ष

धागे वाली मिश्री अपने शीतल गुणों और स्वास्थ्य लाभों के कारण भारतीय चिकित्सा और परंपराओं में विशेष स्थान रखती है। यह न केवल एक प्राकृतिक स्वीटनर है बल्कि विभिन्न शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं के लिए भी फायदेमंद है। इसका नियमित सेवन शरीर को स्वस्थ और ऊर्जावान बनाए रखता है। हालांकि, किसी भी खाद्य पदार्थ की तरह, मिश्री का सेवन भी सीमित मात्रा में ही करना चाहिए ताकि इसके लाभों का अधिकतम फायदा उठाया जा सके।

FAQ

1.मिश्री में कौन से विटामिन पाए जाते हैं?

एक्सपर्ट मानते हैं कि विटामिन ए से भरपूर खाद्य पदार्थ दृष्टि बढ़ाने में मदद करते हैं। बहुत कम लोग जानते हैं कि मिश्री खाने से भी आंखों की रोशनी बढ़ा सकते हैं। आयुर्वेद में इसे काफी गुणकारी बताया गया है। क्योंकि यह चीनी की तरह रिफाइंड नहीं होती और प्राकृतिक मिठास से भरी होती है।

2.मिश्री खाने से क्या लाभ होता है?

धागे वाली मिश्री के सेवन से पाचन से जुड़ी समस्याओं को दूर किया जा सकता हैं। इसमें मौजूद फाइबर पेट में गैस, कब्ज, एसिडिटी और अपच को दूर करता हैं। इसके सेवन से पेट साफ रहता है और खाना भी ठीक से पचता है। धागे वाली मिश्री में डाइजेस्टिव गुण मौजूद होते हैं, जो पेट को हेल्दी रखते हैं।

3.क्या हम मिश्री रोज खा सकते हैं?

अगर आप अपच जैसी समस्या है तो आप रोजाना खाना खाने के बाद थोड़ीसी मिश्री का प्रयोग रोजाना कर सकते हैं जिससे आपकी डाइजेशन संबंधी मैं काफी आराम मिल सकताहै

4.मिश्री के अंदर धागा क्यों डाला जाता है?

मिश्री में धागा इसलिए डाला जाता है, क्योंकि ये क्रिस्टलीकरण की प्रक्रिया को तेज़ करता है. धागे की वजह से मिश्री के क्रिस्टल बड़े और सुंदर बनते हैं.

5.दही में मिश्री डालकर खाने से क्या होता है?

दही और मिश्री खाने से तनाव दूर होता है। स्वाद अच्छा होता है और एनर्जी मिलती है। जिन लोगों के पेट में गर्मी ज्यादा होती वह लोग अगर एक कटोरी दही में मिश्री मिक्स करें और लंच में इसका सेवन करें। तो उनकी पेट की गर्मी काफी हद तक शांत होती है।

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