What is nutrition deficiency and its solution?
What is nutrition deficiency and its solution?
न्यूट्रिशन डेफिशिएंसी, या पोषण की कमी, एक ऐसी स्थिति है जिसमें शरीर को आवश्यक पोषक तत्व नहीं मिल पाते हैं। यह विभिन्न कारणों से हो सकती है जैसे कि असंतुलित आहार, खराब पाचन, शरीर की बढ़ी हुई पोषण कि आवश्यकताएं, या कुछ बीमारियों की वजह से पोषक तत्वों का अवशोषण न होना। पोषण की कमी से शरीर में कई प्रकार की समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं, जिनमें ऊर्जा की कमी, कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली, विकास में रुकावट, और विभिन्न रोगों की संभावना बढ़ जाती है।
मुख्य पोषक तत्व और उनकी कमी के लक्षण
1.विटामिन ए:
कमी के लक्षण=रात्रि अंधता, कई लोगोंको दिन में अच्छा दिखता है लेकिन रात में उन्हें कम दिखाई देता हैया अधिक धुंधलापनदिखाई देता है इसका होने का मुख्य कारण विटामिन ए की कमी का होनामाना जाता है
आंखों का सूखापन=बहुतसे लोगों आंखों में नमी की एजाती है और सुखी रहने लगतै हैै जिसकी वजह सेे जलन होना आंखोंं मेंखुजली होना आदि कई समस्याएं विटामिन ए की कमी की वजह से होती है
त्वचा की समस्याएं=बहुत से लोगों की चमड़ी में सफेद धब्बे बनने लगते है जलन होने लगते है हद से ज्यादा खुजली होती है यह समस्या आमतौर पर विटामिन ए की कमी की वजह से देखने को मिलती है
स्रोत: गाजर, शकरकंद, पालक, अंडे, दूध।
2.विटामिन बी1 (थायमिन):
कमी के लक्षण: थकान, बहुत से लोग ऐसे होते हैं जिन्हे बिना काम किए हुए या थोड़ा् सा काम करने पर ही बहुत ज्यादा थकान महसूस होती है यह समस्या अधिकतर विटामिन बी वन की कमी की वजह से होती है नर्वस सिस्टम की मस्याएं, बेरीबेरी रोग।
स्रोत: साबुत अनाज, मांस, मछली, नट्स।
3.विटामिन बी12:
कमी के लक्षण: एनीमिया, आजकल लोगों में खून की कमी होना एक आम बात सी हो चुकी हैा इसका कहीं ना कहीं एक कारण विटामिन बी12 की कमी का होना भी माना जा सकता है नर्वस सिस्टम की समस्याएं। थकान महसूस होना आदि
स्रोत: मांस, मछली, डेयरी उत्पाद, अंडे।
4.विटामिन सी:
कमी के लक्षण: मसूड़ों से खून आना, स्कर्वी, धीमी घाव भरने की प्रक्रिया।
स्रोत: संतरा, नींबू, स्ट्रॉबेरी, ब्रोकली।
5.विटामिन डी:
कमी के लक्षण: हड्डियों में दर्द,=कमर दर्द होना हाथ पैरों में सुन होना रीडकी हड्डी से संबंधित समस्याएं होना आदि सभी विटामिन डी की कमी की वजह से होना माना जा रहा है क्योंकि इसकी कमी की वजह से हमारी हड्डियां कैल्शियमको अच्छे से अवशोषित नहीं कर पाती। जिसकी वजह से हड्डियां धीरे-धीरे कमजोर होने लगती है। थकान का महसूस होना मसूड़ों का जल्दी खराब होना आदि।
स्रोत: सूरज की रोशनी, मछली का तेल, अंडे, फोर्टिफाइड दूध।
6.विटामिन ई:
कमी के लक्षण: मांसपेशियों की कमजोरी, दृष्टि की समस्याएं।
स्रोत: नट्स, बीज, हरी पत्तेदार सब्जियां, वेजिटेबल ऑयल।
7.विटामिन के:
कमी के लक्षण: खून का जमना न होना अधिकतर हम यह देखते हैं कि कई लोगों को चोट लगने पर खून निकलने लगता है लेकिन वह खून एक आम इंसान के जैसे जल्दी नहीं जामताया थका नहीं बनने की वजह से खून निकलता रहता है इसका एक कारण विटामिन के की कमीकी वजह से माना जाता है जिसकी वजह से खून अधिक बह जाता है
स्रोत: हरी पत्तेदार सब्जियां, सोयाबीन तेल, ब्रोकली।
8.आयरन:
कमी के लक्षण: जैसा कि हम सभी जानते हैं कि आयरन की कमीकी वजह मुख्यतः हमें कौन-कौन सी परेशानियां हो सकती है उन्हें में से कुछमुख्य है एनीमिया जिसमें हद से ज्यादा खून की कमी आ जाना एक मुख्य लक्षण है ।हद से ज्यादा कमजोरी महसूस होती है सांस फूलना आदि।
स्रोत: लाल मांस, हरी पत्तेदार सब्जियां, बीन्स।
Read more:Sources of iron and problems caused by deficiency
9.कैल्शियम:
कमी के लक्षण: कैल्शियम की कमी होने पर हमें जिस समस्या का सबसे बड़ा सामना करना पड़ता है वह है हाथ पैरों में दर्द होना हड्डियों का कमजोर होना, मांसपेशियों की ऐंठन, ऑस्टियोपोरोसिस आदि।
स्रोत: दूध, पनीर, दही, हरी पत्तेदार सब्जियां।
10.मैग्नीशियम:
कमी के लक्षण: मांसपेशियों की कमजोरी, मानसिक अवसाद, दिल की धड़कन में असामान्यता।
स्रोत: नट्स, बीज, साबुत अनाज, हरी पत्तेदार सब्जियां।
न्यूट्रिशन डिफिशिएंसी के कारण
1.खराब आहार:
विविधता की कमी: अलग-अलग खाद्य पदार्थों में अलग-अलग विटामिन और मिनरल पाए जाते हैं जिसकी वजह से हम अपने शरीर में सभी विटामिनों की पूर्ति कर सकते हैं लेकिन अगर आहार में विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थ शामिल नहीं होते हैं, तो कुछ पोषक तत्वों की कमी हो सकती है। जिसकी वजह से हमें पोषक तत्वों की कमी का सामना करना पड़ता हैं।
2.जंक फूड का अधिक सेवन:
उच्च कैलोरी लेकिन कम पोषक तत्वों वाले खाद्य पदार्थों का अधिक सेवन करने से पोषण की कमी हो सकती है।
3..पाचन और अवशोषण समस्याएं:
बीमारियां: सीलिएक डिजीज, क्रोहन डिजीज, और अन्य पाचन तंत्र की बीमारियां पोषक तत्वों के अवशोषण में बाधा डाल सकती हैं।
उम्र: उम्र बढ़ने के साथ पाचन और अवशोषण की क्षमता कम हो जाती है।
4..शरीर की बढ़ी हुई आवश्यकताएं:
गर्भावस्था और स्तनपान: इन अवस्थाओं में महिलाओं की पोषण की आवश्यकताएं बढ़ जाती हैं।
विकासशील बच्चे: बच्चों को बढ़ते समय अधिक पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है।
5.दवाइयां और चिकित्सा स्थिति:
कुछ दवाइयां पोषक तत्वों के अवशोषण को प्रभावित कर सकती हैं। जिससे हमारे शरीर में पोषक तत्वों कि हों सकती हैं।
लंबी बीमारी या सर्जरी के बाद पोषक तत्वों की आवश्यकता बढ़ सकती है।
न्यूट्रिशन डिफिशिएंसी का उपचार
1.संतुलित आहार:
विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थों को शामिल करना आवश्यक है, जिससे शरीर को सभी आवश्यक पोषक तत्व मिल सकें।
ताजे फल, सब्जियां, साबुत अनाज, प्रोटीन स्रोत, और डेयरी उत्पादों का सेवन बढ़ाना चाहिए।
2.पोषक तत्वों के सप्लीमेंट:डॉक्टर की सलाह पर विटामिन और मिनरल सप्लीमेंट्स का सेवन किया जा सकता है।
3.चिकित्सीय सहायता:
यदि पोषक तत्वों की कमी किसी बीमारी या अवशोषण समस्या के कारण है, तो चिकित्सीय सहायता आवश्यक है।
विशेष डाइट प्लान और दवाइयों की मदद से पोषण की कमी को दूर किया जा सकता है।
विशेष
न्यूट्रिशन डिफिशिएंसी को पहचानना और उसका समय पर उपचार करना बहुत महत्वपूर्ण है। संतुलित आहार और स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर इसे रोका जा सकता है, जिससे लंबी और स्वस्थ जीवन की संभावना बढ़ जाती है।
People also asked
1.मनुष्य के लिए पोषण क्या है?
मानव पोषण के मुख्य स्रोतों में अनाज शामिल हैं; स्टार्चयुक्त जड़ें; फलियाँ; सब्जियाँ और फल; शर्करा, परिरक्षित पदार्थ और सिरप; मांस, मछली और अंडे; दूध और दूध उत्पाद; वसा और तेल; और पेय पदार्थ
2.पोषण की कमी को कैसे रोका जा सकता है?
कुपोषण को रोकने का सबसे अच्छा तरीका विभिन्न प्रकार के पौष्टिक संपूर्ण खाद्य पदार्थों के साथ संतुलित आहार खाना है। विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थों को थोड़ा-थोड़ा रोजाना की डाइट में शामिल करने से सभी प्रकार के विटामिनों की कमी को पूरा किया जा सकता है।
3. विटामिन डी की कमी होने पर क्या खाना चाहिए ?
विटामिन डी के प्राकृतिक स्रोतों में मछली और अंडे की जर्दी शामिल हैं। विटामिन डी-फोर्टिफाइड खाद्य पदार्थों में दूध, दही, कुछ संतरे के रस उत्पाद और कुछ नाश्ता अनाज शामिल हैं। आपके शरीर को आवश्यक विटामिन डी प्राप्त करने के लिए आपको भोजन और पूरक दोनों के मिश्रण की आवश्यकता हो सकती है।
4.पोषण की कमी से क्या होता है?
पोषण कि कमी समस्या गंभीर होने पर, हाथ, पैर और पेट में तरल पदार्थ जमा हो सकता है। कुछ प्रकार की श्वेत रक्त कोशिकाओं की संख्या घट जाती है, जैसा कि एड्स से पीड़ित लोगों में होता है। ऐसा होने पर, रोगप्रतिरोधक क्षमता कमज़ोर हो जाती है, जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।
5.पोषण की कमी से शरीर पर क्या प्रभाव पड़ता है?
पोषण की कमी से होने वाला एनीमिया एक आम समस्या है। यह तब हो सकता है जब शरीर आहार से पर्याप्त आयरन, फोलेट या विटामिन बी-12 को अवशोषित नहीं कर रहा हो। मुद्दा यह हो सकता है कि आहार अपर्याप्त है या कोई अंतर्निहित चिकित्सा स्थिति या उपचार इन पोषक तत्वों को अवशोषित करने की शरीर की क्षमता में हस्तक्षेप कर रहा है